चंडीगढ़: हरियाणा में बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों की संख्या में बड़ी कमी की गई है। सरकार ने 9.68 लाख से अधिक परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया है। यह फैसला परिवार पहचान पत्र (PPP) के आधार पर किया गया, जिसमें परिवार की आय, संपत्ति और अन्य जानकारियों को ध्यान में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि सरकार गरीब परिवारों के हितों को लेकर संवेदनशील है और जो वास्तव में पात्र हैं, उन्हें ही योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि कई परिवार ऐसे भी थे जिनकी आर्थिक स्थिति बीपीएल मानकों से ऊपर थी, लेकिन वे सुविधाओं का लाभ ले रहे थे।

विपक्ष ने जताई आपत्ति
विपक्ष ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस विधायक रघुबीर सिंह कादियान ने कहा कि इस प्रक्रिया में कई गरीब परिवार भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की इस कार्रवाई से लाखों लोगों को राशन, गैस और स्वास्थ्य जैसी योजनाओं से वंचित होना पड़ सकता है।
सरकार का कहना है कि जिन परिवारों को सूची से हटाया गया है, वे अपील कर सकते हैं। जांच के बाद अगर परिवार पात्र पाया गया तो उसका नाम दोबारा बीपीएल सूची में जोड़ा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम वास्तविक जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है।
हालांकि, कई गांवों और कस्बों से शिकायतें आ रही हैं कि पात्र परिवार भी सूची से बाहर कर दिए गए हैं। प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के हटा दिया गया, जिससे वे अब सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं।
सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर बहस जारी है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में अपील प्रक्रिया के बाद कितने परिवार दोबारा सूची में शामिल हो पाते हैं।
#Big reduction in the number of BPL families in Haryana